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August 1, 2025 3:47 am

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! प्रेम की बोली अटपटी – “गोपिकागीतम्” !! : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! प्रेम की बोली अटपटी – “गोपिकागीतम्” !! : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम् !! प्रेम की बोली अटपटी – “गोपिकागीतम्” !! उस गोपी के मुख से ये सुनते ही श्रीराधारानी हँसी । ……….कुछ भी ! कुछ भी कह रही हो ! श्रीराधा नें कहा । नही , हम सच कह रही हैं ………..तभी तो कमल भी इनसे कपट करता है …………और जब इनको अपनें समीप आते हुए … Read more

श्रीकृष्णचरितामृतम्-! प्रेम की बोली अटपटी – “गोपिकागीतम्” !!-भाग 1 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्-! प्रेम की बोली अटपटी – “गोपिकागीतम्” !!-भाग 1 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम् !! प्रेम की बोली अटपटी – “गोपिकागीतम्” !! भाग 1 तात ! प्रेम का एक मापदण्ड कहाँ ? हाँ ज्ञान का एक मापदण्ड है …..योग का एक मापदण्ड है…..पर प्रेम का कोई मापदण्ड नही । वहाँ तो स्तुति करना प्रेम , गाली देना प्रेम, वहाँ प्रसन्न होता प्रेम तो रूठना भी प्रेम ……उफ़ ! … Read more

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! गोपिका गीतम् – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 2 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! गोपिका गीतम् – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 2 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम् !! गोपिका गीतम् – “रासपञ्चाध्यायी” !! भाग 2 ये क्या कर रही है पगली ? दूसरी सखी पूछती है …….. ठीक ही तो कर रही है…..वे हमारे थोड़े ही हैं ………हाँ हम उनकी है । मैं समझी नहीं ………उसी सखी नें फिर पूछा ……तो पहली सखी बोली …………समुद्र का तंरग होता है ……..पर क्या … Read more

🙏🌹🙏🌹🙏❤️ प्रेतों का भोजन : Kusuma Giridhar

🙏🌹🙏🌹🙏❤️ प्रेतों का भोजन : Kusuma Giridhar

जय श्री राधे राधे जी।🙏🌹🙏🌹🙏❤️प्रेतों का भोजन एक बार महर्षि गौतम ने प्रेतों से पूछा – संसार में कोई भी प्राणी बिना भोजन के नहीं रहते अतः बताओ तुम लोग क्या आहार करते हो प्रेतों ने कहा- अप्रक्षालितपादस्तु यो भुङ्क्ते दक्षिणामुखः।यो वेष्टितशिरा भुङ्क्ते प्रेता भुञ्जन्ति नित्यशः।। अर्थात- द्विजश्रेष्ठ ! जहाँ भोजन के समय आपस में … Read more

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! गोपिका गीतम् – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 1 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! गोपिका गीतम् – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 1 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम् !! गोपिका गीतम् – “रासपञ्चाध्यायी” !! भाग 1 प्रेम का मार्ग बड़ा ही टेडा मेडा है तात ! कभी स्तुति शुरू हो जाती है अपनें प्रियतम की ….तो कभी गालियां । कभी महान बना देता है प्रेम अपनें प्रेमास्पद को…….तो कभी अति सामान्य । हृदय में उछलती वह प्रीत ……….अन्दाजा उसका लगाना मुश्किल है … Read more

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! हा सखे, दर्शय – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 2 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! हा सखे, दर्शय – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 2 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम् !! हा सखे, दर्शय – “रासपञ्चाध्यायी” !! भाग 2 ललिता दौड़ी ………चन्द्रावली ! ये तो हमारी स्वामिनी हैं ! उफ़ ! कैसा क्रन्दन था ……कैसा करुण विलाप था…..श्रीराधारानी का विरह देखकर तो वृन्दावन भी मानों सुबक रहा हो ……ऐसा लगता था । हिचकियाँ शुरू हो गयीं थीं कज्जल मिश्रित अश्रु उन गोरे कपोलों को … Read more

પોલિયોની જેમ એક દિવસ આપણે ડાયબિટીસનો અંત : Varsha Shah

2007 માં ડોક્ટરે મને કહ્યું કે તમને શુગર છે. પણ હું મક્કમ હતો કે હું કોઈ ગોળીઓ નહિ લઉં.પણ મારો સૌથી મોટો ભાર મીઠાઈ ખાવા પર હતો. મેં એવુ પણ નક્કી કર્યું કે હું મીઠાઈ ખાવાનું ટાળીશ નહીં.પછી તો કસરત જોરથી શરૂ કરી અને ઉપરથી મીઠાઈ ખાવાનું ચાલુ રાખ્યું.જ્યારે પણ મેં શુગરની તપાસ કરી, તો … Read more

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! हा सखे, दर्शय – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 1 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! हा सखे, दर्शय – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 1 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम् !! हा सखे, दर्शय – “रासपञ्चाध्यायी” !! भाग 1 ऐसी हैं श्रीराधारानी ……करुणा की खानि ! ओह ! मेरी गोपियाँ कहाँ हैं ? उनको कितनी पीड़ा हो रही होगी ….उनका हृदय जल रहा होगा प्रिय के वियोग में ! फिर मैं यहाँ कैसे अकेले सुख लूटूँ …………….. श्रीकिशोरी जी का हृदय गोपियों के लिये … Read more

ગુજરાતી સાહિત્યનાં અમર સાહિત્યકાર શામળ ભટ્ટ (1694-1769) નો આજે જન્મદિવસ :Manoj Acharya

ગુજરાતી સાહિત્યનાં અમર સાહિત્યકાર શામળ ભટ્ટ (1694-1769) નો આજે જન્મદિવસ :Manoj Acharya

ગુજરાતી સાહિત્યનાં અમર સાહિત્યકાર શામળ ભટ્ટ (1694-1769) નો આજે જન્મદિવસ છે.૧૭ ના શતકના ઊત્તરાધમાં અને ૧૮ શતકના પૂવાર્ધમાં ત્રણ મહત્વના કવિઓ થઈ ગયા. પ્રથમ ‘અખો’ જેમને છપ્પા આપી ને ત્રીજા નેત્રની પ્રસાદી આપી. બીજા પ્રેમાનંદ જેમણે આખ્યાન આપી ‘પાંચમો’ વેદ લખ્યો અને ત્રીજા ‘શામળ ભટ્ટ’ જેમણે પદવાર્તા આપી ને જીવનરસના કવિ બન્યા. તેમના પિતાનું નામ … Read more

श्रीकृष्णचरितामृतम्-! राधे ! तेनें कौन तपस्या कीन – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 2 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्-! राधे ! तेनें कौन तपस्या कीन – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 2 : Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम् !! राधे ! तेनें कौन तपस्या कीन – “रासपञ्चाध्यायी” !! भाग 2 चन्द्रावली ये कहते हुए रो पड़ी …………भाग्यवती तो इस जगत में एक मात्र ‘भानु किशोरी” ही है …………मैं प्रसन्न हूँ कि मेरे प्यारे अकेले नही गए वन में …….अपनी प्रिया किशोरी को लेकर गए हैं । आहा ! चन्द्रावली प्रेमोन्माद से भर … Read more