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November 22, 2024 2:21 pm

જો સહજાનંદજી સર્વોપરી ભગવાન હોય; તો હનુમાનજીની વિશાળ મૂર્તિનો સહારો લેવાની કેમ જરુર પડી હશે?

જો સહજાનંદજી સર્વોપરી ભગવાન હોય; તો હનુમાનજીની વિશાળ મૂર્તિનો સહારો લેવાની કેમ જરુર પડી હશે?

જો સહજાનંદજી સર્વોપરી ભગવાન હોય; તો હનુમાનજીની વિશાળ મૂર્તિનો સહારો લેવાની કેમ જરુર પડી હશે?બોટાદ જિલ્લાના સાળંગપુર ખાતે 6 એપ્રિલ 2023 હનુમાન જયંતીના પર્વે હનુમાનજીને રીયલ ડાયમંડ,એમરલ્ડ સ્ટોન અને રીયલ રુબિ જડેલાં સુવર્ણ વાઘા પહેરાવ્‍યા હતા. વાઘા 8 કિલો સોનામાંથી તૈયાર કરવામાં આવ્યા છે; જેની કિંમત 6.25 કરોડ રૂપિયા છે. શ્રીકષ્ટભંજન હનુમાનજીના મુગટ અને કુંડળમાં … Read more

उद्धव गोपी संवाद :-उद्धव लीला : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद :-उद्धव लीला : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-(उद्धव लीला)गतांक से आगे:-३१ एवं ३२( उद्धव कौ आइ कै प्रणाम करनौं)श्रीकृष्ण:-आओ प्रिय सखे, मैं तुम्हारौ ही स्मरण कर रह्यौ हूं।उद्धव:-नाथ,आज आपकौ श्री मुख मलीन कैसें, चंद्रमा पै छाया कैसे।श्रीकृष्ण:-ऊधौ सखे,ब्रज की विशेष याद आज मोकूं सताय रही है।उद्धव:-कारण , विशेष कछु आय पर्यौ होयगौ नाथ?श्रीकृष्ण:-कारण तुमहूं तौ जानौ हौ,आज दो महीनां सों … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!- पंचविंशति अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!- पंचविंशति अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( पंचविंशति अध्याय: ) गतांक से आगे – विष्णुप्रिया निमाई के द्वारा दिए गये उपदेश को सुन रही थी ….माता शचि देवि को उपदेश दिया था …पर कृष्णविषयक उपदेश करते हुये निमाई मूर्छित हो गये थे ….मूर्छित तो ये पूर्व में भी होते रहे हैं ..जब से गयातीर्थ से … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 37 !!कृष्ण नें जब कामदेव को हराया….भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 37 !!कृष्ण नें जब कामदेव को हराया….भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 37 !!कृष्ण नें जब कामदेव को हराया….भाग 2 ये कहते हुये ……..अपनें अधर उस गोपी के अधर पर रख दिया था । कामदेव काँप उठा । मंगल कलश की तरह ये वक्ष ………छू दिया श्याम सुन्दर नें । कामदेव चीख उठा । दन्त से काट दिया ………..कान में कुछ प्यार भरी बतियाँ कह … Read more

उद्धव गोपी संवाद:-गतांक से आगे:२९ एवं ३० : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-गतांक से आगे:२९ एवं ३० : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-गतांक से आगे:२९ एवं ३० भगवान श्रीकृष्ण उद्धव जी को ब्रज में भेजने के लिए विचार कर रहे हैं।दोहा: ऊधौ को ब्रज भेजि कें,यह जिये में आज।सरि है एक हि पंथ में,पांच पांचमें काज।।माता यशोदा तात नंद,गोपी गोप औ ग्वाल।धीरज सबहि बंधाय हैं,कहि हैं मिलि हैं लाल।।ऊधौ ज्ञान गुमान है,कहै न समुझत प्रीत।गर्व … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! – चतुर्विंशति अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! – चतुर्विंशति अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( चतुर्विंशति अध्याय:) गतांक से आगे – ये जीव अपने सनातन प्रियतम को भूल जाता है इसलिये दुखी है ….हमारे सर्वस्व तो श्रीकृष्ण ही हैं …वही सनातन प्रिय हैं ….उनको भूलना पाप है ….उनकी स्मृति ही सबसे बड़ा पुण्य है । माँ ! जहां कृष्ण को गाया जाता है … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 37 !!-कृष्ण नें जब कामदेव को हराया…..भाग 1: Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 37 !!-कृष्ण नें जब कामदेव को हराया…..भाग 1: Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 37 !! कृष्ण नें जब कामदेव को हराया…..भाग 1 मैं तो मजाक कर रहा था गोपियों ! हँस पड़े थे श्याम सुन्दर । क्या ! आनन्द की लहरें चल पडीं ……गोपियों में उमंग भर गया था । “तुम सिर्फ मेरी हो”……अब क्या ये भी कहना पड़ेगा ? हास्य ठिठोली चल पड़ी थी उस … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!- त्रयोविंशति अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!- त्रयोविंशति अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( त्रयोविंशति अध्याय: ) गतांक से आगे – पण्डितों को बुलाया गया ….एक नही पाँच पण्डित बुलाये गये । निमाई को ठीक करना है ….दो तान्त्रिक भी आये हैं …वो पूर्व ही “दुर्गा दुर्गा” कहकर कुछ झाड़ फूंक कर चले गये । अब गृह देवता की आराधना होगी …वही … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 36 !!-वेद पुरान हमें नही सूझे …भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 36 !!-वेद पुरान हमें नही सूझे …भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 36 !! वेद पुरान हमें नही सूझे …भाग 3 इस आश्चर्य को देख कामदेव मूढ़ सा हो गया ………एक देह से गोपियाँ अपनें पतियों के पास ही थीं ……..पर दूसरे दिव्य देह से ……वो सब कृष्ण की ओर बढ़ रही थीं ……….उनके देह से ज्योति निकल रही थी …….वो सर्वत्र फैलती जाती थी … Read more

उद्धव गोपी संवाद:-२७ एवं २८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-२७ एवं २८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-२७ एवं २८ भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन को याद करते हुए कह रहे हैं:-संग मिल कहों कासों बात।यह तो कतथ योग की बातें,जामें रस जरि जात।।कहत,कहा पितु माता कौन,कौ पुरुष नारि कहा नात।कहां यशोदा सी है मैया, कहां नंद सम तात।।कहां वृषभानु सुता संग को सुख,यह वासर वह प्रात।सखी सखा सुख नहीं त्रिभुवन में, … Read more