🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺1️⃣3️⃣0️⃣🌺भाग 3,”प्रश्नोपनिषद”- द्वाविंशति तथा श्री भक्तमाल (184) : नीरु आशरा
Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>>1️⃣3️⃣0️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 3 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 रामनामा सदा खेदभावे दयावान् अतापीनतेजाः रिपौ आनते।कादिमोदासहाता स्वभासा रसामे सुगः रेणुकागात्रजे भूरुमे ॥ ७॥ श्री राम – दुःखियों के प्रति सदैव दयालु, सूर्य की तरह तेजस्वी मगर सहज प्राप्य, देवताओं के सुख में विघ्न डालने वाले राक्षसों के विनाशक – … Read more